चित्तौड़गढ़, 12 अक्टूबर। ग्राम पंचायत नेतावल महाराज में शनिवार को आयोजित ग्रामीण सेवा शिविर के दौरान के अनुसूचित जाति वर्ग के नेतावल महाराज निवासी अम्बालाल पुत्र मांगीलाल रेगर ने अपनी पुश्तैनी मकान की भूमि का पट्टा न होने की समस्या रखी। वर्षों से लंबित यह मामला सुनते ही ग्राम पंचायत प्रशासक ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आवश्यक दस्तावेजों की जांच की और मौके पर ही पट्टा तैयार कर अम्बालाल को सौंपा।
पट्टा प्राप्त करते समय अम्बालाल की आंखों में खुशी के आँसू छलक उठे। उन्होंने मुख्यमंत्री, विधायक, प्रधान, उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत प्रशासक का हृदय से आभार व्यक्त किया। यह पल अम्बालाल के जीवन का अत्यंत भावुक और गर्वपूर्ण क्षण बन गया — जब उन्हें अपने पुश्तैनी घर का कानूनी अधिकार मिला और वर्षों पुरानी चिंता का अंत हुआ।
तीन भाईयों में बंटवारा, खुशियों की लहर – सहमति से सुलझा 30 साल पुराना विवाद
ग्राम पंचायत सेमलपुरा में शनिवार को आयोजित ग्रामीण सेवा शिविर में देवीसिंह और उनके तीन भाईयों के बीच सह-खातेदारी भूमि का 30 वर्षों से लंबित विवाद आपसी सहमति से सुलझ गया।
भू-अभिलेख निरीक्षक कन्हैयालाल जाट तथा ग्राम पंचायत सचिव राष्ट्रचिन्तन व्यास द्वारा लगातार समझाइश देने पर भाइयों को यह एहसास हुआ कि विभाजन से प्रत्येक को अपनी भूमि का अलग अधिकार और सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा। तहसीलदार मुकेश कुमार गुर्जर के समक्ष विभाजन प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया और मौके पर ही आदेश जारी कर तीनों भाइयों को उनके-अपने खातों की जमाबंदी प्रतिलिपि सौंप दी गई। सहमति विभाजन के इस निर्णय से परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। भाइयों ने जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री महोदय के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह शिविर वास्तव में जनकल्याण और न्याय की मिसाल है।