दो दिवसीय संस्थागत पशुपालक प्रशिक्षण शिविर का हुआ समापन

@बन्शीलाल धाकड़ राजपुरा
चित्तौड़गढ़ दिनांक 29 मार्च 2022 को पशु विज्ञान केंद्र  चित्तौड़गढ़ के द्वारा आयोजित बकरी पालन प्रबंधन विषय पर दो दिवसीय संस्थागत पशुपालक प्रशिक्षण शिविर का समापन किया गया समापन कार्यक्रम में  केंद्र के प्रभारी डॉ मुकेश चंद शर्मा ने बकरियों के आहार एवं प्रबंधन विषय पर विस्तार से चर्चा की जिसमें उन्होंने नवजात मैंने मेमनों की पालन पोषण पर विशेष जोर दिया तथा साथ ही उन्होंने मांस उत्पादन करने वाले बकरों के आहार प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की डॉक्टर दिनेश कुमार जागा उप निदेशक कृषि विभाग एवं आत्मा परियोजना चित्तौड़गढ़ ने बकरी पालन में केंचुआ खाद और अजोला के महत्व पर विस्तार से चर्चा की और कहा कि उन्नतशील बकरी पालन के अंदर अजोला चारा का प्रयोग बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि आज अजोला चारा से हरे चारे की लागत और दाने के मिश्रण की लागत को कम किया जा सकता है इससे पशुपालकों को निश्चित ही फायदा होगा  डॉक्टर परमजीत ने बकरियों में होने वाले संक्रमण बीमारियों के कारण लक्षण और उपचार और प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की जिसमें उन्होंने नवजात  मेमनों और मांस के लिए पाले जाने वाले बकरों के स्वास्थ्य प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की प्रगतिशील पशुपालक प्रहलाद उपाध्याय ने भी पशुपालकों को जैविक खेती का पशु पालन में महत्व और उपयोग विषय पर विस्तार से चर्चा की जिसमें उन्होंने वर्मी कंपोस्ट बनाने की विधि उपयोग और प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की अंत में आए हुए सभी पशुपालकों का धन्यवाद ज्ञापित किया और सभी पशुपालकों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया विजेताओं को इनाम  वितरित किए गए कार्यक्रम में  30 प्रगतिशील पशुपालकों ने भाग लिया |