दो दिवसीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन अभिरुचि कार्यक्रम का समापन।

चित्तौड़गढ़। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वाधान में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र जयपुर द्वारा ग्राम-बाड़ी, पंचायत समिति निम्बाहेड़ा में आयोजित दो दिवसीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन अभिरुचि कार्यक्रम के दूसरे दिन मंगलवार को एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र के श्रीराम डिडेल, पौध संरक्षण अधिकारी ने निम्बोली 5% अर्क एवं एन. पी. वी. का खेत में उत्पादन और फसल सुरक्षा में महत्व को विस्तार से बताया। केंद्र के सहायक पौध संरक्षण अधिकारी राजेश चौधरी ट्राईकोडर्मा के उत्पादन की विधि एवं फसलों में इसके उपयोग के बारे में समझाया तथा इसके उपरांत सहायक पौध संरक्षण अधिकारी श्योराम ने गेहूं के उत्पादन की उन्नत तकनीकी के बारे में विस्तार से बताया।
सहायक निदेशक (विस्तार) डा. शंकर लाल जाट ने भूमि की जांच के अनुसार उर्वरक डालने की सलाह दी तथा जैविक खेती के महत्व के बारे मे बताया आगे उन्होंने अफीम की खेती की उत्पादन की उनत तकनीक के बारे मे जानकारी दी। राज्य कृषि विभाग के शांति लाल जी एवं सहायक कृषि अधिकारी लक्ष्मण गुर्जर, लक्ष्मण योगी, राजू गुर्जर, हेमराज कुमावत एवं कृषि पर्यवेक्षक कमलेश यादव ने भाग लिया तथा किसानों को कृषि विभाग की योजनाओं की जानकारी दी।
प्रगतिशील किसान बंशीलाल धाकड़ ने जैविक खेती के महत्त्व के बारे में चर्चा की तथा प्रगतिशील किसान रामनारायण झाझरिया ने किसानो को खेती से आमदनी बढ़ाने के बारे में केंद्राध्यक्ष डॉ वसुधा गौतम ने वीडियो कॉल से समारोह का समापन किया एवं उपस्थित सभी किसानो एवं पदाधिकारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।