बसंत पंचमी पर बही काव्य सरिता/ सरस्वती पुत्रों ने मनाया सरस्वती मां का जन्मोत्सव / अखिल भारतीय साहित्य परिषद निंबाहेड़ा ने मनाया बसंत पंचमी महोत्सव

 


अखिल भारतीय साहित्य परिषद, निंबाहेड़ा इकाई द्वारा बसंत पंचमी महोत्सव आयोजित किया गया। मां सरस्वती के प्रकट्य दिवस को बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमान शशी कुमार जी जोशी ने की एवं विशिष्ट अतिथि महोदया श्रीमती शोभा जी "सहज" रही। इस कार्यक्रम में इकाई के सभी सम्माननीय कविगण उपस्थित रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद निंबाहेड़ा के महिला प्रकोष्ठ की उपाध्यक्ष तृप्ति कुमावत ने बताया कि प्रियंका सोमानी ने परिषद गीत से कार्यक्रम की शुरुआत की। श्रीपाल सिसोदिया "सरल" ने कृति प्रकृति कुदरत तुझको बारंबार नमन है, शोभा सहज ने सुनो सखी सुनो जरा कितना प्यारा मौसम आया, प्रियंका सोमानी ने वीणा वादिनी ज्ञान की देवी ज्ञान का हमको वर दो मां, सत्यनारायण जोशी ने वीणा वादिनी विद्या दायिनी श्वेतांबर तू हंसवाहिनी तुम्हे लगाऊं कुमकुम चंदन रोज करूं मैं तेरा वंदन , वंदना प्रजापति ने  हे भारती मेरे हृदय के तंत्र में झंकार दे विद्या कला कौशल का तू मुझ पर अतुल भंडार दे, कृष्णा वैष्णव ने मां शारदे मेरी मैया मुझको इतना तो वर दे और प्रेम प्रीत को पल में लिख दूं इतना मुझ को संबल दे, तृप्ति कुमावत ने  हंस पर विराजी हैं पुस्तक हस्त धारी हैं विद्याधर सुपुजिता अज्ञान हरती मां, दीपिका सत्यदीप ने हाथों में है तिरंगा और दिल में है प्यार यह वतन भी क्या चीज होती है यार, कविता प्रस्तुत की। कार्यक्रम का बहुत ही  सफल संचालन महिला प्रकोष्ठ महामंत्री सुशीला माहेश्वरी ने किया।