किसान विनोद कुमार जाट ने फिर रचा इतिहास पहले एप्पल की खेती की थी और अब हींग की खेती करने लगे हैं।

सोनियाना।कपासन विधानसभा के गाव सोनियाना के विनोद ने रचा इतिहास सेब के बाद हींग की खेती की तैयारी में जुटे। 
हिमाचल के पालमपुर से ट्रायल के लिये हिंग के पौधे लेकर आये व अपने खेत पर लगाये। 
 इतिहास कितनी भी विपरीत ना हो किसान जब ठान लेता है तो उसे पूरा करके ही रहता है यही कारनामा कर दिखाया है चित्तौड़गढ़ जिले के युवा प्रगतिशील किसान विनोद कुमार जाट ने विनोद में एप्पल के बाद अब की खेती से इतिहास रच दिया है आमतौर पर 5 देशों में ही हींग की खेती होती है अफगानिस्तान ईरान इराक आदि अरब देशों में होने वाली खेती को विनोद अपने चित्तौड़गढ़ जिले में करके इतिहास रच दिया है विनोद में पालमपुर स्थित हिमालय जैव प्रौद्योगिकी संस्थान आईएसबीटी से इनके पौधे ट्रायल के थ्रू लेकर आए और अपने खेतों में लगाए।
विनोद ने खुद अपने निजी खर्चे से हिमाचल सीएसआइआर आईएचबीटी अनुसंधान केंद्र सेविंग के पौधे लाकर अपने खेतों में लगाए हिंग आमतौर पर अरब कंट्रीज ईरान इराक इजरायल अफगानिस्तान में ही होता है सीट बेचने पर इन देशों में सजा का प्रावधान है इंडियन सरकार ने इसके बीज ट्रायल के लिए मंगवा कर अपने हिमाचल स्थित इंस्टिट्यूट पर ट्रायल के लिए लगाए वहीं से किसान विनोद कुमार जाट ने अपने खेतों में लगाए आए। हींग के पौधो के रोपण के बाद पालमपुर सेंटर के वैज्ञानिक उसके खेतों पर आये व पौधो के बारे मे जानकारी ली व हींग के पौधों की ग्रोथ व देखभाल के आवश्यक टिप्स दिये। वही वैज्ञानिक विनोद के हींग खेती के जज्बे को सलाम करते हुए उसे हर सम्भव सफल बनाने का प्रयास कर रहे है। हींग के पौधे से हींग तैयार होने में 5 साल लगते है। 
कहीं पर भी पैदा नहीं होता है जितनी भी हींग की मात्रा चाहिए वह विदेशों से आयात करने पड़ती है हींग एवं मसाला फसलों में हींग केसर के बाद दूसरे नंबर पर आती है इसका बाजार भाव 35 से 40 हजार रूपये किलो है अगर यह प्रयोग जिले में सफल रहा और अधिक से अधिक किसान इसे स्वयं सहायता समूह या ग्रुप में करेंगे तो देश को हींग को आयात नहीं करना पड़ेगा और किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।