संतान नही तो गाय को ही बेटी माना, सभी रश्मो रिवाज से धूमधाम से विवाह किया।

चित्तोड़गढ़।हम सब ने अक्सर देखा है कि लोग तुलसी विवाह एवं सामूहिक विवाह सम्मेलन करते हैं लेकिन जिले के नाहरगढ़ गांव में एक विवाह ऐसा  हुआ जो अनोखा विवाह होकर क्षेत्रवासियों के लिए उत्साह का विषय बन गया
  श्री कृष्ण आदिनाथ गौशाला शाखा नाहरगढ़ के अध्यक्ष किशनलाल जाट ने जानकारी देते हुए बताया कि नाहरगढ़ निवासी शंकर लाल पिता किशना जाट के शादी के बाद भी कोई संतान नहीं होने के बावजूद भी वो निराश नही होकर उन्होंने गाय को ही अपनी बेटी समझ कर उसका विवाह करने एव कन्यादान का पुण्य प्राप्त करने का सोचा जिसे लेकर धूमधाम से सारी रश्मे निभाते हुए 26 जनवरी को गौमाता एवं नंदी बैल का विवाह सम्पन्न हुआ।

सभी विवाह रश्मे निभाई, गांव में रहा खुशी का माहौल

गौमाता एव नंदी विवाह को लेकर घर सहित गांव व आसपास के गांवो मे पूरी तरह विवाह समारोह जैसा माहौल होकर सभी मे खुशी छाई रही।साथ ही विवाह की रस्मे कि गई जिसमें मेहंदी, हल्दी, पीटी, बिन्दोली, फेरे सभी रस्म अदा की गई। 
  इस शादी समारोह में पूरे गांव में बंदोली निकाली गई जिसमें आसपास के गांव से ग्रामीणों ने इस शादी समारोह में शिरकत की और नारगढ़ गांव में 10 बीघा जमीन पर गौशाला का नींव का मुहूर्त किया गया साथ ही पंडित सत्यनारायण सुखवाल के द्वारा वैदिक मंत्रोचार के द्वारा शादी का आयोजन हुआ गाय और नंदी को अग्नि के फेरे दिए गए साथ ही आसपास के गांवों के ग्रामीणों ने इसमें सतवेला के रीति रिवाज को पूर्ण किया। हतलेवा छुडाया गया जिसमें  51 हजार के रुपए आये जिसे गौशाला में दान किये गए और चांदी के पायल एवं बर्तन, कई तरह की आइटम लोगों ने दिए।
  भादसोड़ा गोशाला अध्यक्ष विशाल भादविया ने बताया कि इस पूरे विवाह समारोह में करीब 6-7 लाख रूपयें का खर्चा किया गया। इस परिवार के साथ ही गांव में खुशी का माहौल देखने को मिला और लोगों में धर्म व गौमाता के प्रति आस्था देखने को मिली। इस अनोखे अंदाज में हुए शादी समारोह को देखने के लिए आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुचे। यह अनोखी शादी कई क्षेत्रों में चर्चा का विषय बना रहा।
  शंकर लाल जाट के परिवार में एक हुई इस अनोखी शादी का आयोजन इतिहास में पहली बार देखने को मिला।
  इनके परिवार के सदस्य रामेश्वर लाल जाट, कालुराम जाट, किशन लाल, भेरु लाल जाट, जगदीश जाट, नारायण जाट, पप्पू जाट आदि मोजुद रहें।