काका की हत्या के जुर्म में सजा काट रहे बंदी की मृत्यु, परिजनों ने शव लेने से मना किया।

राशमी। थाना क्षेत्र के जाड़ाना में वर्ष 2014 में एक व्यक्ति की हुई हत्या के जुर्म में उदयपुर में जेल की सजा काट रहे बंदी की बुधवार को मृत्यु हो गई। जेल प्रशासन की ओर से मृत्यु की सूचना राशमी थाना पर दी गई। जिस पर पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचित किया। जिन्होंने गांव व समाज में माहौल खराब हो जाने का अंदेशा जताते हुए उदयपुर से शव लाने से इंकार कर दिया। यह था मामला 7 अक्टूबर 2014 को  जाड़ाना निवासी पारस पुत्र नानालाल रेगर 36 वर्ष ने बिड़ी को लेकर हुए विवाद में उसके काका जमना लाल रेगर की कुल्हाड़ी से वार कर हत्या कर दी थी। आरोपी पारस व उसके काका के लड़के कैलाश पुत्र जमना लाल रेगर के मध्य बिड़ी को लेकर विवाद हो गया था। घटना की शाम जमना लाल रेगर अपने भतीजे पारस को समझाने के लिए आया तो पारस ने कुल्हाड़ी से जमना लाल पर वार कर दिया। सिर में गंभीर चोट लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसकी चित्तौड़गढ़ अस्पताल में उपचार के दौरान अगले दिन 8 अक्टूबर 2014 को मृत्यु हो गई थी। मृतक के पुत्र कैलाश की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी पारस को गिरफ्तार कर 15 अक्टूबर 2014 को जेल भेज दिया था। न्यायालय ने आरोपी को कारावास की सजा सुनाई थी। जिस पर आरोपी पारस उदयपुर जेल में सजा काट रहा था। दो-तीन दिन पूर्व उसकी तबीयत बिगड़ गई। जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी मृत्यु हो गई। जेल प्रशासन की ओर से सूचना राशमी थाना पुलिस को दी गई। जिस पर थाना पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचित किया। लेकिन परिजनों ने गांव व समाज में माहौल खराब हो जाने का अंदेशा जताते हुए शव लाने से मना कर दिया।