रनोट ने कहा-कहां राजा भोज, कहां गंगू तेली; सीएम ने सत्ता के लिए बेचे अपने पिता के सिद्धांत


 एक्ट्रेस कंगना रनोट ने फिर एक बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है। शनिवार सुबह एक ट्वीट कर एक्ट्रेस ने कहा कि सीएम उद्धव ठाकरे अपने पिता के सिद्धांतों को भूल चुके हैं। एक्ट्रेस ने पिछले कुछ दिनों के दौरान रिपब्लिक टीवी पर दर्ज एफआईआर के मुद्दे पर कहा-धिक्कार है ऐसी सरकार पे जो पत्रकारों पे अत्याचार करे।

कंगना रनोट का ट्वीट...

कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली, महाराष्ट्र के पप्पूप्रो की स्वनिर्मित महान नेता से क्या तुलना करना, जो अपने पिता के सिद्धांतों को सत्ता केलिए बेच दे वो किसी के अधिकारों और उनकी भावनाओं को क्या समझेगा, धितकार है ऐसी सरकार पे जो पत्रकारों पे अत्याचार करे।


बीएमसी द्वारा उनके ऑफिस पर बुल्डोजर चलाये जाने के मामले में एक्ट्रेस पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र सरकार, बीएमसी, मुंबई पुलिस और सीएम उद्धव ठाकरे के खिलाफ हमलावर हैं। इस बीच मुंबई पुलिस और एक धर्म विशेष के खिलाफ किए एक आपत्तिजनक ट्वीट पर 23 अक्टूबर को अंधेरी कोर्ट में आपराधिक शिकायत दर्ज कराई गई है। इस शिकायत की सुनवाई 10 नवंबर को होगी।

26 अक्टूबर को बांद्रा पुलिस स्टेशन में है कंगना की पेशी

इसी तरह एक एक और मामले में एक धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद एक्ट्रेस कंगना और उनकी बहन रंगोली चंदेल पर भी बांद्रा पुलिस स्टेशन में केस दर्ज हुआ है। कंगना को पूछताछ के लिए 26 अक्टूबर और उनकी बहन को 27 अक्टूबर को बुलाया गया है। अपने छोटे भाई अक्षत की शादी में शामिल होने के लिए दोनों बहनें फिलहाल हिमाचल में भांबला में हैं। अगर उनके खिलाफ पुख्ता सबूत मिलते हैं तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।

इन धाराओं में दर्ज हुआ है केस

बांद्रा के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जयदेव वाय घुले ने कंगना के खिलाफ CRPC की धारा 156 (3) के तहत FIR दर्ज कर जांच के आदेश दिए थे। जिस पर एक्शन लेते हुए पुलिस ने कंगना और उनकी बहन के खिलाफ निम्नलिखित धाराओं में केस दर्ज किया है।

  • धारा 153 A: आईपीसी की धारा 153 (ए) उन लोगों पर लगाई जाती है, जो धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश करते हैं। इसके तहत 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
  • धारा 295 A: इसके अंतर्गत वह कृत्य अपराध माने जाते हैं जहां कोई आरोपी व्यक्ति, भारत के नागरिकों के किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के विमर्शित और विद्वेषपूर्ण आशय से उस वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करता है या ऐसा करने का प्रयत्न करता है।
  • धारा 124 A: यदि कोई भी व्यक्ति भारत की सरकार के विरोध में सार्वजनिक रूप से ऐसी किसी गतिविधि को अंजाम देता है जिससे देश के सामने सुरक्षा का संकट पैदा हो सकता है तो उसे उम्रकैद तक की सजा दी जा सकती है। इन गतिविधियों का समर्थन करने या प्रचार-प्रसार करने पर भी किसी को देशद्रोह का आरोपी मान लिया जाएगा।
  • धारा 34: भारतीय दंड संहिता की धारा 34 के अनुसार, जब एक आपराधिक कृत्य सभी व्यक्तियों ने सामान्य इरादे से किया हो, तो प्रत्येक व्यक्ति ऐसे कार्य के लिए जिम्मेदार होता है जैसे कि अपराध उसके अकेले के द्वारा ही किया गया हो।