चित्तौड़गढ़ जिले में पर्याप्त मात्रा में यूरिया, बीज एवं कीटनाशी उपलब्ध, जिला कलक्टर ने कृषि एवं सबंधित विभागों की ली समीक्षा बैठक


चित्तौड़गढ़, 30 सितम्बर। जिला कलक्टर अरविन्द कुमार पोसवाल ने शुक्रवार को कृषि विभाग, उद्यान विभाग एवं आत्माशाषी परिषद की समीक्षा बैठक ली। समिति कक्ष में आयोजित बैठक में जिला कलक्टर पोसवाल ने कृषि विभाग की समीक्षा करते हुए रबी 2022-23 बुवाई हेतु आदान व्यवस्था के प्लान पर चर्चा की। उप निदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद डॉ. एस. एल. जाट ने जिले का रबी बुवाई प्लान अंतर्गत 2 लाख 80 हजार हेक्टेयर क्षैत्र में बुवाई के लक्ष्यों के अनुसार डीएपी 13 हजार मेट्रिक टन, यूरिया 56 हजार मेट्रिक टन, एसएसपी 36 हजार 5 सौ मेट्रिक टन, एनपीके 3 हजार 5 सौ मेट्रिक टन, एमओपी 5 सौ मेट्रिक टन उर्वरक की आवश्यकता से अवगत कराया। जिले को अब तक लगभग 5 हजार मेट्रिक टन डीएपी, 10 हजार मेट्रिक टन यूरिया, 20 हजार मेट्रिक टन एसएसपी एवं 2 हजार 5 सौ मेट्रिक टन एनपीके, 6 सौ 25 मेट्रिक टन एमओपी तथा पर्याप्त मात्रा में बीज एवं कीटनाशी रसायन उपलब्ध होने की जानकारी दी। जिला कलक्टर ने समीक्षा के दौरान जिले में उर्वरक, बीज एवं कीटनाशी रसायनों की कमी नही हो तथा सुदुर क्षेत्रों में किसानों को आवश्यकतानुसार उपलब्ध हो सके इसके लिए दैनिक निगरानी रखने के निर्देश दिये। जिला कलक्टर ने सुधीर भट्ट, उप रजिस्ट्रार सहकारी समिति से सहकारी समितियों में कृषि आदानों की उपलब्धता की जानकारी ली। इस पर भट्ट ने जिला कलक्टर को अवगत कराया कि वर्तमान में किसी भी तरह के कृषि आदानों की कमी नहीं है।

अनावश्यक उर्वरक का भंडारण न करें किसान- जिला कलक्टर
जिला कलक्टर महोदय ने जिले के कृषकों से आह्वान किया कि जितनी मात्रा में उर्वरक की आवश्यकता हो उतना ही उर्वरक क्रय करे अनावश्यक उर्वरकों का क्रय कर भण्डारण न करे। उर्वरकों की आवक जिले का पर्याप्त मात्रा में बनी रहे इस हेतु उपस्थित सभी उर्वरक निर्माता कम्पनी के प्रतिनिधियों एवं थोक विक्रेताओं को निर्देशित किया।

प्रगतिशील किसानों को मिलेगा कृषक पुरस्कार
उप निदेशक कृषि एवं पदेन परियोजना निदेशक (आत्मा) दिनेश कुमार जागा ने आत्मा शासी परिषद् में आत्मा परियोजना के अंतर्गत किये जाने वाले कृषक प्रशिक्षण, राज्य स्तर एवं जिला स्तर के कृषक भ्रमण, महिला समुह, कृषक गोष्ठियां, फार्म स्कूल, फसल प्रदर्शनों एवं प्रगतिशील किसानों को कृषक पुरस्कार योजना के बारे में जानकारी दी। साथ ही बजट घोषणा अन्तर्गत कृषि श्रमिक सम्बल मिशन के बारे में भूमिहीन कृषकों को प्रशिक्षित किये जाने के बारे में जानकारी दी गई जिसमें श्रीमान जिला कलक्टर द्वारा समय पर सभी योजनाएं किसानों तक पहुंचाने हेतु अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने हेतु निर्देशित किया।

आवेदन करते ही सोलर पम्प स्वीकृत

उद्यान विभाग की समीक्षा के दौरान सहायक निदेशक उद्यान डॉ. शंकर सिंह राठौड़ ने अवगत कराया कि प्रधानमंत्री कुसुम योजनान्तर्गत किसानों के खेतां पर सौर उर्जा पम्पसेट लगाने के लिए सामान्य श्रेणी के कृषकों के लिए 30 जून 2022 तक किये गये आवेदन एवं अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कृषकों के तुरन्त आवेदन पर सोलर पम्प स्वीकृत किये जा रहे है। इस वर्ष ड्रिप एवं फव्वारा संयंत्र पर सामान्य श्रेणी को 70 प्रतिशत एवं लघु, सीमांत, महिला, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कृषकों को 75 प्रतिशत प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। साथ ही मधुमक्खी पालन हेतु प्रत्येक किसान को 50 मधुमक्खी पालन बॉक्स एवं 50 मधुमक्खी कॉलोनी 40 प्रतिशत अनुदान पर वितरित की जाएगी। इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।  जिला कलक्टर ने विभाग की योजनाओं के अधिक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए।

खाद्य परिरक्षण- एक स्वरोजगार बुकलेट का विमोचन

समीक्षा बैठक के दौरान जिला कलक्टर ने कार्यालय उपनिदेशक कृषि एवं पदेन परियोजना निदेशक आत्मा, चित्तौड़गढ़ की ओर से तैयार की गई बुकलेट खाद्य परिरक्षण- एक स्वरोजगार का विमोचन किया। बुकलेट में फल एवं सब्जियों के लाभ, परिरक्षित पदार्थों को बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें, परिरक्षण पदार्थ एवं रसायनों के घरेलू नाम, मशरूम उत्पादन पर आयोजित प्रशिक्षण,  महिला खाद्य सुरक्षा समूह एवं किसान गोष्ठी, राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 सहित कृषकों व आमजन के लिए उपयोग सामग्री को संजोया गया है। जिला कलक्टर ने बुकलेट की विषय सामग्री की सराहना करते हुए सभी अधिकारियों को बधाई दी।

ये रहे उपस्थित
समीक्षा बैठक में जिले से सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) कपासन जितेन्द्र कुमार, सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) बेगूं जोगेन्दर सिंह, कृषि अनुसंधान अधिकारी (शष्य) रमेश आमेटा, कृषि विज्ञान केन्द्र से उद्यान वैज्ञानिक डॉ. राजेश जलवानिया, केन्द्रीय सहकारी बैंक से सुनील जागेटिया, कृषि अधिकारी उद्यान प्रवीण मराला, डॉ. विमल सिंह राजपूत, उप परियोजना निदेशक आत्मा डॉ. कुलदीप सिंह चन्द्रावत, चम्बल, कृभको, रामा फास्फेट, खेतान, जुबीलेंट, कोरोमण्डल इत्यादि के कम्पनी प्रतिनिधियों एवं जिले के लगभग 15 थोक उर्वरक विक्रेताओं ने भाग लिया।