शुक्रवार को 4 लाख 65 हजार भैरवनामावली की दी आहुतियां, अब तक 18 लाख आहुतियां देकर विष्व की सुख शांति के लिए कर रहे है प्रार्थना

 सावा/ चित्तौडगढ 14 मई,
मेवाड़ के प्रसिद्ध श्री नागोरिया भैरव तीर्थ जोगणी पर वेशाख सुदी पंचमी शुक्रवार से ही 11 दिवसीय श्री नागोरिया भैरव महायज्ञ महोत्सव भैरवनाथ, माताजी एवं कृष्ण कुन्ज कन्नौज के ठाकुर जी की कृपा से अनवरत चल रहा है तथा नित नये किर्तिमान स्थापित किये जा रहे है। महायज्ञ के  प्रथम दिन से ही श्रद्वालुओं में उत्साह व आस्था देखने को मिली आठ दिन बित जाने पर नवे दिन भी वही उत्साव व आस्था का जोष श्रृद्वालुओ में दखने को मिल रहा है विश्व शान्ति, सर्वरोग मुक्ति, आदि व्याधि विपत्ति, बाधा दूर करने व लक्ष्मी प्राप्ति हेतु सर्व समाज व श्रेष्ठीय नागोरिया भैरव भक्तो द्वारा क्षेत्र में पहली बार विषाल एवं दिव्य अनुष्ठान भैरव देव व कुल माताजी के निर्देशानुसार आरम्भ किये गये है। शुक्रवार को सांय खचाखच भरे 27 कुण्डीय महायज्ञ में यजमानो ने 108 भैरव नामावली की 35 आवर्तन आहुतियां लगाकर सभी भैरव देव सहित आमन्त्रित सभी देवों से देष एवं प्रदेष की सुख शान्ति की प्रार्थना कर आर्षिवाद मांगा।

भैरवनामावली सहित अब तक दी जा चुकी है कुल 18 लाख आहुतियां

महोत्सव प्रवक्ता ने जानकारी देते हुऐ बताया कि नागौरिया भैरव जोगणी में क्षेत्र में पहली बार 27 कुण्डीय हवन कुण्ड में 108 भेरवनाम की भैरवनामावली सहित अब तक कुल 18 लाख आहुतियां दी जा चुकी है। जिसमें राजस्थान, मध्य प्रदेष, गुजरात, सहित देष प्रदेष के कोने कोने से श्रद्वालुजन आस्था के साथ भैरव सहित त्रिदेवों के दरबार में परिवार सहित पहूंच कर हाजरी लगाने के लिये नित्य उपस्थित हो रहे है उनमें से कोई वहन कुण्ड में आहुतियां लगाकर तो कोई यज्ञ परिसर की परिक्रमा लगाते हुऐ तो कोई मात्र दर्षन करने मात्र से ही अपने आपको धन्य महसुस कर रहा है। आठवे दिन सर्वाधिक 35 आवर्तन आहुतियां नागौरिया भैरव देव की तरफ से यज्ञ मण्डल में बिराजीत यजमान जोडो के द्वारा करीब 4 लाख 65 हजार से अधिक आहूतियां देकर 24 लाख 51 हजार आहुतियों के लक्ष्य के मुकाबले करीब 18 लाख से अधिक आहूतियां दी जा चुकी है।

मुख्य यज्ञआचार्य सहित 21 यज्ञाचार्य दिलवा रहे है आहूतियां
27 कुण्डीय महायज्ञ परिसर में मुख्य यज्ञाचार्य नर्बदेष्वर ज्योतिष कार्यालय मधुवन चित्तौडगढ के यज्ञाचार्य पण्डित राकेश शास्त्री द्वारा उनके अन्य सहयोगी यज्ञाचार्याे के सहयोग से उक्त विषाल महायज्ञ का सफलतम आयोजन संचालित किया जा रहा है। मुख्य यज्ञाचार्य पण्डित राकेष शास्त्री ने बताया कि इससे पूर्व भी उनके द्वारा कई हवन यज्ञ के आयोजन संचालित किये है लेकिन नागौरियां भैरव व कुल माताजी के निर्देशानुसार किये जा रहे 27 कुण्डीय अतिमहायज्ञ का आयोजन अपने आप में अनुठा और एतिहासीक है। क्योकि विश्वव्यापी गम्भीर रोगो एवं सम्पूर्ण विश्व में व्याप्त अशान्ति से उत्पन्न परिस्थितीयों से उत्पन्न पारिवारिक अशान्ति और आर्थिक संतुलन को बनाये रखने के लिये नागौरिया भैरवदेव व कुल माता जी द्वारा बहुत ही दुरदृष्टि रखते हुऐ चित्तौडगढ जिले के छोटे से सावा गांव से भी दुर जोगणी स्थान पर विश्व शान्ति, सर्वरोग मुक्ति, आदि व्याधि विपत्ति, बाधा दूर करने व लक्ष्मी प्राप्ति हेतु सर्व समाज द्वारा विशाल अतिमहायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें दी जा रही विभिन्न औषधीय युक्त साकल्य एवं शुद्व गाय के देशी घी की लाखो की तादाद में दी जा रही आहूतियों से उत्पन्न धुएं से एक तरफ बरसात की क्षेत्र में परिपूर्णता रहेगी जिससे क्षेत्र पुरी तरह से आर्थिक रूप से सक्षम बनेगा साथ ही क्षेत्र में फैल रही असाध्य बिमारियों व सर्व रोग से भी मुक्ति मिलेगी व मां लक्ष्मी का आर्शिवाद सभी को मिलेगा।  

शुक्रवार को सांय अतिमहायज्ञ के आरम्भ में यज्ञाचार्य द्वारा सर्व प्रथम पुजनिय भगवान श्रीगणेश व अम्बीका माता की विशेष पुजन की गई थी इसी के साथ सोडस मात्री ,लक्ष्मीमाता एवं नवग्रह शान्ति के लिये नव ग्रह पुजन करवाई गई एवं अन्त में नागोरिया भैरव महाराज का विधिवत पुजन कर भेरूजी एवं माता जी की पुजन कर महायज्ञ की विधिवत शुरूआत की जिसमें यज्ञ मण्डप में आमन्त्रित सभी देवों सहित 108 भैरव नामावली के 35 आवर्तन कर चार लाख 65 हजार से अधिक आहुतियां सभी देवों को अर्पित की गई।

त्रिदेवों की नित्य सजाई जा रही है आंगी श्रृद्वालुओं को कर रही आकर्षित

नागौरियां भैरव, माताजी एवं ठाकुर जी का प्रातः शुद्व जल, दूध, दही, शहद, घी, व आस पास के स्थानों के धार्मिक स्थलोें लाई गई मिट्टी एवं नदीयों व जलाशयों के पानी से नानाविध पदार्थाे से अभिषेक किया जा रहा है तत्पश्चात फूलो कें श्रृंगार में भैरव देव ने दर्शन देकर भक्तों को न केवल मोहित किया वरण उन्हें अपलक निहारने को भी विवश कर दिया। दूरदराज से आये कई भक्तों ने अपने आराध्य भैरवदेव सहित त्रिदेवो की ऐसी अनुपम छवी देखकर कहा कि त्रिदेव वास्तव में पूरे ठाठ बाठ के साथ दर्शन देकर बरबस ही भक्तों का मन मोह रहे है।

सवां पांच किलो पंच मेवा व मोसमी फलो सहित विभिन्न पदार्थाे का धराया भोग

11 दिवसीय श्री नागोरिया भैरव महायज्ञ महोत्सव के अष्ठम दिवस को भैरव जी, माताजी व कृष्णकुन्ज कन्नोज के ठाकुरजी को सवां पांच किलो पंच मेवा 11 किलो कास्या एवं कई प्रकार के 21 किलो मौसमी फलों की झांकी भी आकर्षण का केन्द्र रही जिसमें कई प्रकार के आम, चिकू, सेवफल, लिची, आलू बुखारा, किवी, चेरी, अनार सहित अन्य फल ठाकुर जी को न्यौछावर किए गए थे।
 
उदयपुर के महात्मा परिवार बने यज्ञलाभार्थी

11 दिवसीय नागौरिया भैरव महायज्ञ महोत्सव के प्रतिदिन होने वाले यज्ञ एवं भोजन के खर्च के लिये विभिन्न लाभार्थी परिवार इसकी घोषणा कर धर्मलाभ ले रहे है उस कडी में शुक्रवार महायज्ञ के लाभार्थी उदयपुर निवासी डॉ0 ओमप्रकाश महात्मा एवं सम्पूर्ण परिवार रहे। महोत्सव समिति द्वारा लाभार्थी महात्मा परिवार का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

आस्था पक्की हो तो इन्सान तो क्या मुक पशु भी नहीं छोडते मोका
  जब आस्था पक्की हो तो किसी भी प्रकार का कोई अवरोध चाहे गर्मी हो बरसात हो या सर्दी हो आस्था को रोक नही पाता है। ऐसा ही एक उदाहरण 11 दिवसीय महायज्ञ महोत्सव में चिकसी निवासी 100 वर्षीय फतेहलाल सुथार भिषण गर्मी की परवाह किये बिना ही चिकसी गांव से प्रतिदिन साढे तीन किलोमिटर पैदल चलकर 3.30 घँटे तक नित्य हवन यज्ञ में बैठते हैं। लेकिन जानकर हैरानी होगी की मुक पशु भी इसमें कम नही है। महोत्सव कार्यक्रम संयोजक आशीष नागोरी ने जानकारी देते हुऐ बताया कि एक सफेद कलर की गाय व उसके साथ सफेद कलर का बछडा जो नित्य हवन आरम्भ होने से पूर्व मन्दिर परिसर के बाहर गेट के वहां खडे हो जाते है और हवन आरम्भ होने के कुछ देर तक खडे रहने के बाद भोजनषाला व अन्य स्थानों पर भ्रमण कर पुनः यज्ञपूर्ण होने से पूर्व गेट के बाहर खडे हो जाते है और कांसा का प्रसाद ग्रहण करते ही पुनःचले जाते है और यह क्रम लगातार आठ से चल रहा है। तो कहा जाता है कि आस्था पक्की हो तो इन्सान तो क्या मुक पशु भी एसा सुन्दर अवसर नहीं छोडते।

 16 मई को होगी पूर्णाहुती व सम्मान समारोह के साथ ही होगा समापन
11 दिवसीय नागौरिया भैरव महायज्ञ महोत्सव की पूर्णाहूती 16 मई को प्रातः सवा पांच बजे कांसा प्रसाद के साथ महायज्ञ की पूर्णाहुति होगी तत्पश्चात हर वर्ष की भांति वेशाखी पूर्णिमा के अवसर पर विशाल सामुहिक परसादी का आयोजन होगा जिसमें पुरे भारत वर्ष के दुरदराज के भक्तजन व  श्रृद्वालु कार्यक्रम में उपस्थित होकर पूर्णाहूति का अनुपम नजारा अपनी आंखों से देखेेगें वही प्रातः साढे नो बजे कृष्ण कुंज कन्नोज की बाल तपस्वी साध्वीलीला श्रीजी की पावन निश्रा में धर्मसथा आयोजित होगी तत्पष्चात 11 दिवसीय उक्त महायज्ञ कार्यक्रम के सभी लाभार्थी परिवारों, कार्यक्रम मे उत्कृष्ठ सेवाऐं देने वालों को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के हाथो बहुमान कर सम्मानित किया जावेगा व इसी के साथ 11 दिवसीय नागौरिया भैरव महायज्ञ महोत्सव का समापन हो जाऐगा।  

अन्तिम दो दिन रहेगी विषेष भीड, की जा रही है उचित व्यवस्थाऐं
 
कार्यक्रम संयोजक ने बताया कि शनिवार व रविवार दो दिन के अवकाश को देखते हुऐ कार्यक्रम स्थल पर श्रृद्वालूओं की विशेष भीड रहने की सम्भावना को देखते हुऐ उनके ठहरने और खाने पिने की व्यवस्थाओं सहित यज्ञ मण्डप में भी औसत से अधिक जोडे बेठ सके ऐसी व्यवस्थाऐं की जा रही है।