एकलिंगपुरा में सीसी रोड निर्माण बंद होने के बाद क्षेत्र में रोष, सोमवार को एकलिंगपुरा कस्बा बंद रहा।

चित्तौड़गढ़।कुंडाल के एकलिंगपुरा में सीसी रोड निर्माण बंद होने और संवेदक की सामग्री जप्त कर नीलामी निकालने के आदेश के बाद तीसरे दिन सोमवार को भी ग्रामीणों का विरोध जारी रहा। सोमवार को एकलिंगपुरा कस्बा बंद रहा, ग्रामीणों ने पंचायत भवन के सामने धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की और उसके बाद एसडीएम कार्यालय में कार्यवाही के विरोध में प्रदर्शन कर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर जप्त की गई सामग्री रिलीज करने और सीसी रोड कार्य तत्काल शुरू कराए जाने की मांग की।
   ज्ञापन देने वालों में भैंसरोडगढ़ प्रधान प्रतिनिधि कुशाल बारेशा एवं एकलिंगपुरा सरपंच नर्मदा शंकर मीणा, पंचायत समिति सदस्य दिनेश मीणा, शंकर अहीर, रोडू लाल धाकड़, रामनिवास धाकड़, पूर्व सरपंच सत्यनारायण धाकड़, घनश्याम धाकड़, दुर्गा लाल धाकड़, शिवराज धाकड़, ओम प्रकाश पांडे, सुंदर लाल धाकड़, भरत राज धाकड़, मनोज प्रजापत, पवन प्रजापत, राजाराम धाकड़, कन्हैया लाल धाकड़, कस्तूरचंद धाकड़, लालचंद धाकड़, धर्मराज धाकड़, रामेश्वर धाकड़, कन्हैया लाल धाकड़, बालचंद धाकड़, मोती लाल धाकड़, रमेश चंद धाकड़, उदय लाल धाकड़, भेरूलाल धाकड़, उपसरपंच गेदी लाल धाकड़, श्याम धाकड़, राधेश्याम धाकड़, ओम प्रकाश धाकड़, मनोज धाकड़, शिवलाल धाकड़ आदि ग्रामवासी मौजूद थे।
  ईधर जिला प्रमुख सुरेश धाकड़ ने चित्तौड़गढ़ में जिला कलेक्टर से मुलाकात की और उपखंड प्रशासन के निर्णय के खिलाफ रोष जताया। धाकड़ ने चेतावनी दी कि विकास कार्यों में राजनीति नहीं होनी चाहिए। जिला कलेक्टर ने इस बाबत उपखंड अधिकारी कैलाश चंद्र गुर्जर से मामले की पूरी जानकारी ली और धाकड़ को आश्वस्त किया कि मामले का जल्द निस्तारण किया जाएगा। गौरतलब है कि राजस्थान परमाणु बिजलीघर के सीएसआर कार्यों में 3.78 लाख की लागत से 1200 मीटर सीसी सड़क का निर्माण कार्य चल रहा था। निर्माण की सामग्री एकलिंगपुरा पंचायत के चरागाह भूमि पर डाली गई थी। इसकी पंचायत से लिखित में अनुमति भी ली गई है। इसके बावजूद शुक्रवार को तहसीलदार, पटवारी ने सामग्री जप्त कर सामग्री की नीलामी निकाल दी। इसके बाद सड़क निर्माण कार्य बंद हो गया और ग्रामीणों में रोष व्याप्त हो गया। मामले में पिछले 3 दिन से विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इधर नाभिकीय ऊर्जा निगम ने भी प्रेस नोट जारी का अवगत कराया कि 31 मार्च तक निर्माण पूरा नहीं हुआ तो सड़क निर्माण की राशि भारत सरकार को सरेंडर कर दी जाएगी और निर्माण अधूरा रह जाएगा। उसके बाद से ग्रामीण सड़क निर्माण शुरू करने की मांग कर रहे हैं।