बस्सी तथा ओराई बांध पर मिड विंटर वाटर फाउल सेंसस के तहत जलीय पक्षी की कि गणना।

डुंगला।चित्तौड़गढ़ उपवन संरक्षक वन्यजीव डॉ. टी.मोहन राज के निर्देशानुसार क्षेत्र के प्रमुख जलाशयों पर मिड विंटर वाटर फाउल सेंसस की जा रही हे, प्रतिवर्ष जलीय पक्षियों की गणना की जाती है । जिसमे अलग अलग दल बनाकर जिले के चिन्हित जलाशयों पर पक्षियों का आकलन किया जाता है । इस जलीय पक्षी गणना में ग्रीन अर्थ नेचुरल सोसाइटी किशन करेरी के सदस्यों ने भाग लिया व् पक्षियों की औसतन पक्षी संख्या व् प्रजातियों की सूचि तैयार की गई। बस्सी वन्यजीव अभ्यारण्य के बस्सी बांध व् ओराइ डेम पर पक्षी गणना का कार्य शुक्रवार को संपन्न हुआ। जिसमे इन जलाशयों पर मिलने वाली पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों व उनकी संख्या को सेंसस प्रारूप सूचि में दर्ज किया गया, इस बर्ड सेंसस के दौरान ग्रीन अर्थ नेचुरल सोसाइटी किशन करेरी के सदस्यो ने दौ अलग अलग सफेद हवासील दल व् सुर्खाब दल बनाकर पक्षी गणना का कार्य किया, जिसमें भैरु लाल पुरोहित, मोहनसिंह शक्तावत, श्यामलाल गुर्जर, परसराम शर्मा, नीलेश शर्मा, रणवीरसिंह शक्तावत व् वन विभाग के वनपाल मनोहर व् वन रक्षक भरतराम मीणा ने हिस्सा लिया। ओराई बांध पर 27 प्रजातियों के पक्षियों को गणना सूचि में दर्ज किया गया। जिसमे रुड्डीशैल डक, कॉमन टील, ग्रेट वाइट पेलिकन, ब्लैक टैल गोडविट, कॉम्ब डक, स्पॉटबिल डक, वॉली नेक्ड स्टोर्क, पेंटेड स्टोर्क,सेंड पाइपर, स्पूनबिल, रिवर टर्न, कैटल इग्रेट, ग्रेट कोर्मोरेंट, लिटिल कोर्मोरेंट, ग्रे हेरॉन, रेड नेप्पड़ आईबीज, ग्रेट इग्रेट, कॉमन किंगफ़िशर, स्वेल्लो,पेड किंगफिशर, पोंड हेरॉन, लेपविंग सहित कई प्रजातियों के पक्षियों को देखा गया। इस बर्ड सेन्सस के दौरान जीपीएस लोकेशन लिया गया।