चित्तौड़गढ़।मेवाड़ क्षत्रिय महासभा के महामंत्री तेजपाल सिंह शक्तावत ने बताया कि सुखाड़िया विश्वविद्यालय कि इतिहास की महिला प्रोफ़ेसर दिग्विजय भटनागर ने अपनी किताब राजस्थान के इतिहास की रूपरेखा में पेज 80 और 81 मे हार के 6 कारण बताते हुए हल्दीघाटी युद्ध में महान योद्धा महाराणा प्रताप को हारा हुआ बताया जिसको लेकर चित्तौड़गढ़ ही नहीं उदयपुर सहित संपूर्ण संम्भाग में आमजन में कड़ा रोष व्याप्त हो गया।
महाराणा प्रताप के विषय में पुनः ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करने का यह मामला आया है इस पुस्तक को सुखाड़िया विश्वविद्यालय की तृतीय वर्ष इतिहास के पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाना शर्म की बात है। जो प्रताप ही नहीं मेवाड़ सहित देश की जनता का अपमान है पूर्व में भी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की नौवीं से बारहवीं की किताबों में विवादित तथ्यों को जोड़ने पर मेवाड़ क्षत्रिय महासभा की अगुवाई में मेवाड़ संभाग के सभी जिलों के प्रमुख पदाधिकारियों व जौहर स्मृति संस्थान आदि का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिला। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को कहा कि महाराणा प्रताप हम सभी के पूजनीय व आदर्श हैं। इतिहास के साथ छेड़छाड़ नहीं होने दी जाएगी तथा पाठ्यक्रम में विवादित तथ्यों को हटाया जाने हेतु आश्वस्त किया था। तत्कालीन शिक्षा मंत्री ने भी इसको स्वीकारा वह गलत तथ्य हटाए गए। प्रोफेसर भटनागर की पुस्तक का हाल ही में विरोध शुरू हुआ तो उन्होंने कहा कि मुझे जानकारी नहीं थी जिनको जानकारी नहीं ऐसे इतिहासकारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि बार-बार प्रताप के विषय में अनर्गल बात करने सहित इतिहास के साथ छेड़छाड़ पर विराम लग सके। हालांकि सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति अमेरिका सिह ने इस गैर जिम्मेदाराना अकादमिक आचरण को लेकर भटनागर से स्पष्टीकरण मांगा किंतु शक्तावत ने कहा कि इसके लिए कठोर कानून व सजा की आवश्यकता है क्योंकि पद्मावत फिल्म ,चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर लाइट एंड साउंड कार्यक्रम व पर्यटन विभाग राजस्थान सरकार के कैलेंडर में महारानी पद्मिनी के विषय में अनर्गल बात तथा पद्मिनी महल चित्तौड़गढ़ के बाहर कांच में दिखाने का गलत बोर्ड लगाना आदि का सर्व समाज ने विरोध कर रुकवाया जिसकी पुनरावृत्ति ना हो।
इतिहासकार प्रोफेसर लोकेंद्र सिंह चुंडावत ने कहा कि हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप की विजय स्पष्ट है, पाठ्यक्रमों में बार-बार ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करने वाले व्यक्ति की विकृत मानसिकता सिद्ध होती है। मेवाड़ क्षत्रिय महासभा ने चेतावनी देते हुए कहा कि शीघ्र ही अगर उक्त पुस्तक से गलत तथ्य नहीं हटाए गए और प्रोफेसर भटनागर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो राजपूत समाज सहित सर्व समाज द्वारा आंदोलन किया जाएगा इसके लिए समस्त जिम्मेदारी राज्य सरकार और प्रशासन की होगी।