किशन करेरी पक्षी विहार में विदेशी पर्यटकों ने किया रात्रि विश्रामपक्षियों को देखा नजदीक से सुनी कलरव।

 डुगला। उपखंड क्षेत्र के पक्षी विहार किशन करेरी पर्यावरण एवं पक्षियों की दृष्टि से  दक्षिण राजस्थान के महत्व पूर्ण जलाशयों में नाम आता है, पक्षी विहार तालाब पर अक्टूबर से लगाकर मार्च महीने तक प्रवासी परिंदों का कलरव सुनाई देता है, इन परिंदों को निहारने के लिए देश व्  विदेश से पर्यटक पहुंच रहे हैं, पक्षी प्रेमी पर्यटक यहां पर रात्रि विश्राम करके पक्षियों के कलरव व् जल क्रीड़ा को देखकर आनंद ले रहे हैं,  क्षेत्र में पक्षी व पर्यावरण संरक्षण के लिए स्थानीय संगठन ग्रीन अर्थ नेचुरल सोसाइटी कार्यरत हैं, यहां पर आने वाले पर्यटकों को पक्षी दर्शन करवाना,उनके ठहरने की उत्तम व्यवस्था करवाना, घुड़सवारी व बैलगाड़ी द्वारा पक्षी दर्शन करवा कर ग्रामीण संस्कृति की झलक बता रहे हैं। रात्रि विश्राम में आलाव जलाकर, हरे चने खिलाकर व् मेवाड़ की प्रसिद्ध राब पिलाकर व मक्की और जवार की रोटी खिलाकर आगंतुकों का दिल जीत लेते हैं। इस दौरान पर्यटक गांव के मध्य प्राचीन द्वारिकाधीश के मंदिर जाकर दर्शन कर रहे हैं, यहां कई बड़े अधिकारी, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर व पक्षी प्रेमी पहुंच रहे हैं, स्थानीय संगठन के सदस्य भैरूलाल पुरोहित मोहन सिंह शक्तावत श्यामलाल गुर्जर दिनेश पुरोहित निलेश पुरोहित भरत सुथार भरत शर्मा आदि आगंतुकों का स्वागत कर स्थानीय पक्षियों की जानकारियां देते हुए सेवा में लगे हुए है।