मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) ने किया डिजिट निरिक्षण, कमियों पर लगाई फटकार।

भूपालसागर। मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी चित्तौड़गढ़ डॉक्टर रामकेश गुर्जर ने बुधवार को अचानक किया निरिक्षण (डिजिट) खामियां कमियों पर लगाई फटकार।
चित्तौड़गढ़ जिले की सबसे बडी ग्राम पंचायत जहां आसपास के दर्जनों गांव इसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर निरधारित है।कोरोना महामारी में लोगों की हालत खराब है। पूर्व मे इस बीमारी ने आकोला मे जवान मौतों ने इस महामारी की भयावहता का अहसास कराया हैं। तो वही कई लोगों ने अपनों को खो दिया हैं। वहीं ऐसे माहौल मे आकोला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सकों स्टाफ की कमी मरीजों के लिए परेशानी का शबब बना हुआ है। प्राप्त सूत्रों के अनुसार ग्रामीणों ने बताया कि स्वास्थ्य केन्द्र पर डॉक्टर नहीं मिलते है, पूर्व में तहसीलदार अशोक कुमार सोनी क्षेत्र के दौरे के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का भी निरिक्षण किया, जहां डॉक्टर के नहीं मिलने पर तहसीलदार सोनी ने रजिस्टर मे शिकायत दर्ज कर दी।

सबसे बड़ी पंचायत एक चिकित्सक के भरोसे
आकोला सीएचसी पर एक्सरे मशीन तो उपलब्ध है, लेकिन रेडियोग्राफर उपलब्ध नहीं ऐसा नहीं है कि यहां रेडियोग्राफर का पद स्वीकृत नहीं है । अस्थाई तौर पर एकएनजीओं के माध्यम से यहां पर जांच की व्यवस्था की गई है । आकोला उपखण्ड की सबसे बड़ी पंचायत हे लेकिन यहां पर केवल एक चिकित्सक के भरोसे काम चल रहा है । यहां पर छह चिकित्सक के पद स्वीकृत है लेकिन यहां पर पांच पद खाली है। वहीं ताना स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक को डेप्युटेशन पर भूपालसागर लगा रखा है । ऐसे में यहां पर बीसीएमओ को सेवाएं देनी पड़ रही है । ऐसे में यहां के लोगों को उपचार के लिए इधर - उधर भटकना पड़ रहा है। तहसीलदार सोनी के निरिक्षण के बाद प्राप्त सुत्रों के अनुसार शायद नये भवन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहली बार सीएमएचओ ने शिरकत कर स्वास्थ्य केंद्र का निरिक्षण डिजिट किया, जहां कमियों पर फटकार लगाई। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की सफाई से लेकर लगभग सभी रजिस्टर व दवाईयों तक का निरिक्षण जांच पडताल की। जहां लेब रजिस्टर तो नये साल को फरवरी माह में भी अभी तक नहीं मिला वही 2021 के रजिस्टर को देखकर फटकार मे कमी नहीं रखी। सीएमएचओ ने कहा कि सरकार की योजनाएं कितनी आ रही है, और गारमेंट की योजनाओं का क्या होगा, रजिस्टर तक नही है। गौरतलब तो यह है कि भवन बिल्डिंग में सफाई कर्मी ने कहा कि सफाई के झाडू तक नहीं है, जो है वो आपके सामने ये देखलो, वहीं केश बुक तक नहीं है, बाऊजी के पास होना बताया जिस पर डॉक्टर निशांत को अच्छीखासी फटकार लगाने मे कमी नहीं रखी। 
 गौरतलब तो ये है कि कई माह से आर.एम.आर.एस. की बैठक तक नहीं हुई इस बैठक में एसडीएम, तहसीलदार, विधायक, सरपंच व वरिष्ठ सदस्य इस बैठक में शिरकत कर समस्याओं पर चर्चा कर समाधान करने का निर्णय लेते है ऐसी महत्वपूर्ण बैठक नये भवन बिल्डिंग मे इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक भी बार बैठक नहीं हुई। आज भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से भी बेहतर हालात यहां के सामुदायिक स्वास्थ्य के है। सरकार भले ही बेहतर चिकित्सा सुविधा दावे करती हो, लेकिन यहां के हालात रामभरोसे ही है। यही कारण है कि मजबूरी मे नीम हकीमों बंगालियों की शरण मे जाना पड रहा है।