ए मेरे फूल तुझे नजर ना लगे काले सोने की बढ़ी चौकस पहरे दारी।

कपासन।काले सोने के रूप में पहचान रखने वाले पौधे अफीम की खेती में किसान खेत की सीमा पर तैनात हो रहे हैं। अफीम की खेती किसान के लिए शकुन भरे लम्हे लेता है वहीं अपना चैन और सकून खो देता है । पक्षियों के लिए जाल बिछाता हैं तो पशुओं के लिए कांटेदार तार लगाता है साथ ही तस्करो के चौकस पहेरे दारी करता है आखिर कार अपनी मुराद पूरी करने के लिए मां कालिका से मन्नत मांगता है। इतने जी के जंजाल के बाद काला सोना उसे चैन और सकून देता है।