सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर वर्चुअल संवाद कार्यक्रम का हुआ आयोजन

चित्तौड़गढ़। रविवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के उपलक्ष्य पर वर्चुअल राज्य स्तरीय संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम सुभाष चंद्र बोस जयंती के संदर्भ में "आजादी का स्वर्णिम इतिहास एवं नया भारत" विषय पर आयोजित हुआ। 
प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सर्वप्रथम आयोजन के लिए शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ एवं राजस्थान युवा बोर्ड को धन्यवाद कहा और सुभाष चंद्र बोस की हिम्मत या साहस के बारे में बताया कि किस प्रकार राजस्थान से उनका लगाव रहा एवं शांति, एकता और सद्भावना पर उन्होंने बल दिया। बताया कि यही आज नई पीढ़ी और नौजवानों को समझना चाहिए क्योंकि जहां शांति वही विकास होता है। अशांति एवं अस्थिरता एवं अंधभक्ति राष्ट्र का विकास नहीं कर सकती।कार्यक्रम के दौरान ही युवाओं को आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवान पीढ़ी सुभाष चंद्र बोस की हिम्मत एवं साहस पर चले एवं देश हित के लिए शांति एवं भाईचारे को बढ़ावा दें।
साथ ही इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किस प्रकार वर्तमान में पत्रकारों की स्वतंत्रता को कुचला जा रहा है उन्हें बेवजह थकाया जा रहा है जो पत्रकार देश हित में लिखने की कोशिश करता है तो उसके विरुद्ध देशद्रोही की उपमा देकर कार्यवाही की जाती है। ऐसा नहीं होना चाहिए लोकतंत्र में सभी को अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। कार्यक्रम का संचालन शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ के निदेशक मनीष शर्मा ने किया और इस अवसर पर कहा कि 30 जनवरी को शहीद दिवस के अवसर पर हर जिला मुख्यालय पर शांति मार्च निकाला जाएगा जिसमे जिला प्रशासन एवं शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ, सहित एनएसएस, नेहरू युवा केंद्र एवं स्काउट गाइड की भूमिका रहेगी।
  कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में गांधी प्रतिष्ठान नई दिल्ली के निदेशक कुमार प्रशांत ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के राष्ट्रभक्ति एवं आजाद हिंद फौज के गठन पर राष्ट्र सेवा के संदर्भ में उनके कार्यों पर प्रकाश डाला और बताया कि भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के द्वारा जब पहला स्वतंत्रता दिवस का समारोह लाल किले पर आयोजित हुआ तो उसमें सबसे पहले नेहरु जी ने "जय हिंद" का नारा दिया।यही नारा आज देश का प्रतिक नारा कहलाता है और बताया कि बोस ने ही सर्वप्रथम महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की उपमा दी थी।
 यह कार्यक्रम राजस्थान के युवा बोर्ड के संयोजन में हुआ जिसमें राज्य मंत्री  अशोक चांदना ने भी सुभाष चंद्र बोस के संस्मरण पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में प्रोफेसर सतीश राय ने सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के गठन एवं नेताजी के प्रत्येक सिद्धांत में आपसी भाईचारे एवं धर्मनिरपेक्षता की बात पर बल दिया।इस अवसर पर राजस्थान के कला संस्कृति एवं शिक्षा मंत्री बी.डी.कल्ला ने इस अवसर पर कहा कि आज देश भर में सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती मनाई जा रही है और बताया  कि सुभाष चंद्र बोस 1938 में जोधपुर प्रवास पर आए थे।यहां पर उन्होंने नौजवानों को देश भक्ति के बारे में बताया साथ ही राजस्थान के असंख्य युवा जो कि उस समय आजाद हिंद फौज में भर्ती हुए थे उनके बारे में भी बताया।
  जिला कलेक्ट्रेट परिसर स्थित डीओआईटी कक्ष में वर्चुअल संवाद कार्यक्रम में शांति और अहिंसा प्रकोष्ठ के सह संयोजक डॉ. गोपाल सालवी, महाराणा प्रताप राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य गौतम कुमार कुकड़ा, नेहरू युवा केंद्र से संतोष चौहान, स्काउट और गाइड के सी.ओ. चंद्र शंकर श्रीवास्तव एवं एनएसएस तथा स्काउट से जुड़े कई महाविद्यालय छात्र मौजूद रहे।