बाल कल्याण समिति ने शिशु ग्रह में आवासीय 3 बालक बालिकाओं को किया लीगल फ्री एक बालक का उसके घर जाकर माता के साथ किया पुनर्वास।

चित्तौड़गढ़। बाल कल्याण समिति चित्तौड़गढ़ के शिशु ग्रह में आवासीय तीन असुरक्षित बालक बालिकाओं की लीगल फ्री की कार्रवाई संपन्न की गई।
  ज्ञात रहे कि चित्तौड़गढ़ जिले में कनेरा थाना अंतर्गत भवानी खेड़ा के जंगलों में झाड़ियों में एक बालिका असुरक्षित हालत में मिलने पर उसे राजकीय बाल चिकित्सालय चित्तौड़गढ़ में मंगवाया जाकर उचित उपचार करवाया गया तत्पश्चात उक्त बालिका शिशु ग्रह में अवश्य थी इसी प्रकार सदर थाना निंबाड़ा के डोरिया चौराहे पर सब सेंटर पर एएनएम को अज्ञात बालिका के रोने की आवाज आने पर सब सेंटर के अहाते में जाकर बालिका का पता लगाया तो नवजात बालिका रो रही थी जिसे बाल कल्याण समिति को सूचना दी इस पर बाल कल्याण समिति ने उक्त बालिका को राजकीय बाल चिकित्सालय में इलाज हेतु भर्ती करवाया तत्पश्चात शिशु गृह मे रखा शिशु ग्रह में एक 1 वर्षीय बालक चौकी डूंगला थाना अंतर्गत अंडर ब्रिज के पास झाड़ियों में पाया गया उसे भी इलाज करा शिशु गृह में रखा इन तीनों बालक बालिकाओं के प्रखंड में धारा 317 भारतीय दंड संहिता के तहत प्रकरण पंजीबद्ध हुए तथा संबंधित उन्होंने अनुसंधान करने के पश्चात एफआर न्यायालय में प्रस्तुत की इन तीनों बालक बालिकाओं के माता-पिता व संरक्षक का पता नहीं लगा इस बारे में संपूर्ण जांच करने पर बाल कल्याण समिति ने इन बालकों को लिटिल फ्री करने के आदेश दिए अब तीनों बालक राष्ट्रीय दत्तक ग्रहण एजेंसी के पोर्टल पर दर्ज हो चुके हैं अब इन शिशु बालकों को देश के लोगों द्वारा उस दत्त ग्रहण में लेने हेतु आगामी कार्यवाही संपन्न होगी। आज चाइल्ड लाइन ने चित्तौड़गढ़ शहर के एक बालक के अपहरण व मारपीट की घटना को लेकर उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। जहां बालक के अत्याचार पर विधि अनुसार कार्रवाई करने के लिए सदर थाना चित्तौड़गढ़ को उचित निर्देश दिए नाबालिक बालक अकेला असुरक्षित असहाय महसूस करने लगा। बालक के पिता की मृत्यु हो चुकी है मां लकवा ग्रस्त है चलने फिरने में असमर्थ है बालक ने बाल कल्याण समिति को जानकारी दी इस पर बालक को सुरक्षित हालत में उसकी माता के साथ उसके घर जाकर वहां के नागरिक महेश मेहता के मौजूदगी में बालक का पुनर्वास उसकी माता के साथ किया गया इस प्रकरण की में माँ चलने फिरने में असमर्थ थी और बालक का पुनर्वास हेतु व बाल कल्याण समिति में उपस्थित नहीं हो सकती थी ऐसी परिस्थितियों में बाल कल्याण समिति के वरिष्ठ सदस्य मंजू जैन, रमेश चंद्र दशोरा बालक के घर जाकर उसका सुरक्षित पुनर्वास किया।