भोपालसागर। मेवाड़ के सबसे बड़े जैन तीर्थ जो की शंखेश्वर के नाम से ज्ञात है 108 श्री करेड़ा पार्श्वनाथ जैन तीर्थ पर पोषी दशम के निमित्त जन्मकल्याणक महोत्सव 29 दिसम्बर को मनाया जायेगा इस निमित्त अठम तप की तपस्या यानी तेला कार्यक्रम की शुरुआत 27 दिसम्बर इतर धारणे से होंगी इसबार इस कार्यक्रम मे मेवाडदेशोद्वारक परम् पूज्य जितेंद्र सूरीश्वर जी महारसा के शिष्य आचार्य निपुणरत्न सूरीश्वर जी के सानिध्य मे मनाया जायेगा तीर्थ कहा जाता है की इस दिन सूर्य की पहली किरण भगवान पार्श्वनाथ के सीधे मुख पे पढ़ती है इस दिन भगवान का वरघोड़ा निकाला जायेगा। भगवान की प्रतिमा को शुशोभित नए रथ मे विराजित करके तालाब पर लेजाया जायेगा जहाँ आरती मंगल दीपक करके पुनः मंदिर लाया जायेगा इसके निमित्त मंदिर को भव्य अति सुन्दर रूप से सजाया गया लाइट डेकोरेशन कोरोना के कारण लास्ट साल भी मेला का कार्यक्रम नहीं हुआ था तीर्थ पर विगत 24 दिनों से उपधान तप की तपस्या का कार्यक्रम चालू है जिसमे करीब 108से ज्यादा श्रावक श्राविका पोषद धारण कर जैसे जैन साधु संत साध्वी जीवन यापन करते है ।भौतिक सुविधा को डेढ़ महीने के लिए त्याग करके साधु जीवन जी रहे जिसमे एक उपवास एक एकासन के माध्यम से तपस्या चल रही है उपधान तप कार्यक्रम का समापन 17 जनवरी को वरघोड़ा ओर 18 जनवरी के मोक्ष माला के साथ होंगी।