नये कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आन्दोलन के समर्थन में रखी एक दिवसीय भूख हड़ताल



चित्तौड़गढ़। महेश गाडरी ने बताया कि नये कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे देशव्यापी आन्दोलन में किसान संगठनों द्वारा बुलाई गई आज राष्ट्रव्यापी भूख हड़ताल के समर्थन में पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विक्रम जाट के नेतृत्व में कृषि उपज मण्डी के मुख्य द्वार पर एक दिवसीय भूख हड़ताल रख काले कानून वापस लेने की मांग की। धरने में भूख हड़ताल पर बैठे युवाओं का हौंसला बढ़ाने पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत व नगर परिषद सभापति संदीप शर्मा धरना स्थल पहूँचे। 

इस अवसर पर पूर्व विधायक ने कहा कि देश का अन्नदाता अपने आप को असहाय महसूस कर रहा है। मोदी सरकार अपने कुछ उद्योगपति मित्रों को लाभ पहुँचान के लिए पूरे देश के किसानों का भविष्य अन्धकार में डालने का काम कर रहे हें। दूसरी तरफ राजस्थान की गहलोत सरकार ने विधानसभा में इन बिलों को बदलकर व एमएसपी कानून में जुड़वाने वाले बिल को लाकर किसान का दर्द समझा। सभापति ने कहा कि यह देश कृषि प्रधान है व अन्नदाताओं के साहस पर टिका है। हर वर्ग की भावना किसानों के साथ है। 

धरने में देवीलाल धाकड़, महेश गाडरी, कविश शर्मा, पप्पू लाल भील, मुकेश पारिक, जमनालाल सेन, ललिता रेगर, मुकेश गाडरी, पिन्टू गाडरी, सत्तु धाकड़, सरफराज खान, पिन्टू जाट, विष्णु मेघवाल, राजेश धाकड़ ने भूख हड़ताल रख काले कानून वापस लेने की मांग की।