विदेशी परिंदों को निहारने किशन करेरी पहुंच रहे विदेशी एवं स्थानीय पर्यटक।

डूंगला।किशन करेरी पक्षी विहार तालाब इन दिनों प्रवासी परिंदों के कलरव से  गूंज रहा है, यहां हजारों किलोमीटर दूर से प्रवासी पक्षी किशन करेरी को अपना आशियाना बनाये हुए हैं। पूरी सर्दी का प्रवास काल यहां बिताते हैं । यहां पर्याप्त मात्रा में भोजन व सुरक्षित आवास मिल पाना ही इन पक्षियों के ठहरने का मुख्य कारण है। स्थानीय संगठन ग्रीन अर्थ नेचुरल सोसाइटी यहां संरक्षण का काम करती है । इन दिनों पक्षियों की अठखेलियां को देखने के लिए पर्यावरण प्रेमी के साथ पर्यटक आ रहे हैं  यहां पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। वही पक्षी प्रेमी भी दौरा कर रहे हैं।  यहां नॉर्थेर्न शॉवलर, नॉर्थन पिनटेल, ग्रेट वाइट पेलिकन, बार हेडेड गूज, ग्रे लेग गूज़, ब्लैक टेल्ड गोडविट, रेड कस्टर्ड पोचार्ड कॉमन पोचार्ड, कॉमन टील,कॉम्ब डक, स्पॉटबिल डक सहित स्थानीय व्  प्रवासी पक्षियों की कई प्रजातियां देखी जा सकती है । यह क्षेत्र जैव विविधता की  दृष्टि से बहुत महत्वपूर्णता लिए है।  यहां सैकड़ों प्रजातियों के पक्षी ,सांप , तितलियां , वन्य जीव व औषधिय पौधे पाए जाते हैं।  पर्यावरण प्रेमी भैरू लाल पुरोहित,मोहन सिंह शक्तावत, श्याम लाल गुर्जर के अनुसार  प्रतिवर्ष पक्षियों वन्यजीवों की गणना की जाती है।  इनकी सुरक्षा व आवास के  संरक्षण के लिए हमारा संगठन प्रयासरत है।  यह संगठन अपने स्तर से पूरा प्रयास करता है।  यहां आने वाले पर्यटको  को संगठन पूरी सुविधा उपलब्ध कराता है ।